H3N2 Subtype of the influenza virus : Transmission,Symptoms,Risk factors,Vaccination in Hindi
H3N2 is a subtype of the influenza A virus : Transmission,Symptoms,Risk factors,Vaccination
H3N2 इन्फ्लुएंजा ए वायरस का एक उपप्रकार है जो मनुष्यों में मौसमी फ्लू के प्रकोप के लिए जिम्मेदार है। यह तीन प्रकार के इन्फ्लुएंजा वायरस में से एक है जो इन्फ्लुएंजा बी और इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) के साथ मनुष्यों में बीमारी का कारण बनता है। H3N2 की पहली बार 1968 में मनुष्यों में पहचान की गई थी और तब से यह विश्व स्तर पर फैल गया है। यहाँ H3N2 के बारे में कुछ प्रमुख विवरण दिए गए हैं:
संचरण(Transmission):
H3N2 मुख्य रूप से सांस की बूंदों से फैलता है जब एक संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है। यह दूषित सतहों के संपर्क में आने और फिर किसी के नाक या मुंह को छूने से भी फैलता है।
लक्षण(symptoms):
H3N2 के लक्षण अन्य प्रकार के इन्फ्लूएंजा के समान हैं और इसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, थकान और कभी-कभी उल्टी और दस्त शामिल हैं। लक्षण आमतौर पर लगभग एक सप्ताह तक रहते हैं, लेकिन कुछ लोगों को लंबे समय तक लक्षण या जटिलताएं हो सकती हैं।
जोखिम कारक(Risk factors):
लोगों के कुछ समूहों को H3N2 से गंभीर बीमारी होने का अधिक खतरा होता है, जिनमें वृद्ध वयस्क, छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं और अस्थमा, मधुमेह, या हृदय रोग जैसी अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति वाले लोग शामिल हैं। H3N2 और इन्फ्लूएंजा के अन्य प्रकारों से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे अच्छा तरीका है।
टीकाकरण(Vaccination):
उस मौसम में प्रसारित होने वाले सबसे सामान्य प्रकार के इन्फ्लूएंजा से बचाने के लिए मौसमी फ्लू के टीके को हर साल अपडेट किया जाता है। टीके के H3N2 घटक को एंटीजेनिक ड्रिफ्ट के कारण वर्षों से अन्य घटकों की तुलना में कम प्रभावी माना जाता है, जो तब होता है जब वायरस उत्परिवर्तित होता है और इसकी सतह के प्रोटीन को बदल देता है। इसके बावजूद, टीकाकरण की सिफारिश की जाती है क्योंकि यह बीमारी की गंभीरता को कम कर सकता है और अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु को रोक सकता है।
एंटीवायरल उपचार(Antiviral treatment)
वैश्विक प्रभाव(Global impact):
H3N2 एक वैश्विक वायरस है जो हर साल व्यापक रूप से फैलता है और कई देशों में मौसमी फ्लू के प्रकोप का कारण बनता है। यह अतीत में कई महामारियों के लिए जिम्मेदार रहा है, जिसमें 1968 का हांगकांग फ्लू महामारी और 2009 का स्वाइन फ्लू महामारी शामिल है। H3N2 भी एक जूनोटिक वायरस है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों और मनुष्यों के बीच प्रसारित हो सकता है। H3N2 के लिए सुअर एक आम मेजबान हैं और नए उपभेदों के स्रोत के रूप में काम कर सकते हैं जो संभावित रूप से मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं।
Post a Comment
0 Comments